Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक Shiv chaisa हमारी॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ more info करे सो पावन हारी॥
शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।